step up and step down transformer
आज हम ये डिसकस करने वाले है कि स्टेप अप और स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर क्या होता है, ये दोनों कैसे काम करते है किउंकि ये दोनों चीजे नाम से ही लग रही है कि ये अलग-अलग है, पूरी जानकारी के लिए बने रहे हमारे साथ वो भी हिंदी में।
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ट्रांसफार्मर
ट्रांसफार्मर का अर्थ होता है ट्रांसफॉर्म करना, यानी एक जगह से दूसरे जगह पर ट्रांसफर करना, पहुँचाना और इसी से ही ये दोनों भी बने हुए है स्टेप अप और स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर।
अगर आप ट्रांसफार्मर के बारे और बारीकी से जानना चाहते है तो हमारे इस पोस्ट पर जाकर Click करे।
transformer working diagram हिंदी में जाने।
स्टेप अप ट्रांसफार्मर...
ये नाम से ही पता चलता है कि इसका काम क्या है, इसका ट्रांसफार्मर के अंदर जो काम होता है वो वोल्टेज को ऊपर उठाता है।
लेकिन मैं आप को एक बात बता दूं कि जब भी स्टेप अप ट्रांसफार्मर का वोल्टेज ऊपर होता है तो करंट नीचे की तरफ जाता है।
ट्रांसफार्मर के अंदर हम जीस चीज की बात करते है वो सिर्फ पावर होती है ना कि वोल्टेज या करंट की, किउंकि जो हमारा ट्रांसफार्मर होता है वो सिर्फ पावर को ही ट्रांसफॉर्म करता है इनपुट से आउटपुट की तरफ।
एनर्जी
फर्स्ट लॉ के अनुसार हम एनर्जी को ना ही खत्म कर सकते है और ना ही हम उसे उतपन्न कर सकते है, करते है तो सिर्फ उसे कन्वर्ट और यही हम यहाँ करते है।
P=V.I
पावर=वोल्टेज×करंट
For Example.
यानी जब हम किसी ट्रांसफार्मर के अंदर इनपुट दिए वो अब चाहे कुछ भी हो 100 ही मान लो तो आउटपुट भी हमे उतनी ही मिलती है।
स्टेप अप ट्रांसफार्मर के अंदर जो प्राइमरी वाइंडिंग होती है वो सेकेंडरी वाइंडिंग के मोकाबले नंबर ऑफ टर्म्स बहोत ही ज्येदा कम होते।
सेकेंडरी वाइंडिंग का नंबर ऑफ टर्म्स इस लिए ज्येदा होता है किउंकि इसमें वोल्टेज को ऊपर की तरफ उठाना होता है और इसी लिए हमको इनपुट पर कम वोल्टेज देने पर आउटपुट में ज्येदा वोल्टेज मिलता है।
इसमें वोल्टेज इनपुट में कम मिलेगी और आउटपुट में ज्येदा।
स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर....
जबकि स्टेप डाउन का काम होता है ट्रांसफार्मर के अंदर वोल्टेज को डाउन करना नीचे की तरफ करना।
जबकि स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर के अंदर जब वोल्टेज नीचे की तरफ आता है तो करंट ऊपर की तरफ जाता है।
इस ट्रांसफार्मर के अंदर भी जब हम इनपुट दिए, वो कुछ भी हो सकता है लेकिन एक तरह से मान लो कि वो कोई 60 है तो सेम आउटपुट में भी वही मिलेगा।
पर स्टेप डाउन में प्राइमरी वाइंडिंग में हाई वोल्टेज मिलेगी और सेकेंडरी वाइंडिंग में लो वोल्टेज।
प्राइमरी वाइंडिंग में नंबर ऑफ टर्म्स बहोत ज्येदा होता है सेकेंडरी वाइंडिंग के मोकाबले।
इसमें इनपुट ज्येदा मिलेगा और आउटपुट कम किउंकि इसमें नंबर ऑफ टर्म्स ज्येदा होते है।
Rejult
STEP UP AND STEP DOWN TRANSFORMER (ये एक तरह से कहना क्या चाहता है वो बताने वाले है)...?
"हम जानते है कि स्टेप अप ट्रांसफार्मर में वोल्टेज को ऊपर उठाता है और करंट को नीचे की तरफ धकेलता है जबकि स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर में इसका ठीक उल्टा होता है मिन्स जब वोल्टेज नीचे की तरफ जायेगा तो करंट ऊपर की तरफ जायेगा।"
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