Welding Basic information


Welding Basic information


ये मेरा ब्लॉग है जिसपे ऑटोमोबाइल और मैन्युफैक्चरिंग से रेलेटेड पोस्ट को रिसीव कराते है।

 वेल्डिंग की बेसिक technique के बारे में सायद ही कुछ लोग अच्छी तरह से जानते हो आज इसमें हम वही चीज पूरी तरह से कवर करने वाले है।

वेल्डिंग का जो सबसे इम्पोर्टेन्ट कॉन्सेप्ट होता है जो सबसे ज्येदा पूछा जाता है वो ये की वेल्डिंग होती क्या है।


What is a welding……??

वेल्डिंग क्या होती है……??


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नॉर्मली क्या होता है कि हम दो मेटल्स के पार्ट्स को आमने सामने रख कर उसको जोड़ देते है वैसे इसकी technique क्या है, वो कैसे जोइंड होता है, उसमे मटेरियल्स कौन सा यूज़ होता है etc.

जब हम किसी भी मटेरियल्स के ऊपर वेल्ड करते है अब वो चाहे कुछ भी हो सकती चाहे समान हो या असमान हो कॉपर या एलिमिनियम तो उसे पिघला कर के भी करते है और वही दूसरी तरफ हीट कर के भी करते है इलेक्ट्रिक पावर को सप्लाई करके।


अगर आप Welding से Releted पोस्ट को और भी बारीकी से और करीबी से जानना चाहते है तो नीचे दी हुई link पर जाकर Read कर सकते है।

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जिस किसी मटेरियल्स के ऊपर हम वेल्डिंग करते है वो परमानेंटली जॉइंट्स हो जाता है, वो वेल्डिंग होने के बाद कभी छूट नही सकता जिसे हम वेल्डिंग कहते है।


Main types of welding……??

वेल्डिंग के परमुख प्रकार……??

मुख्य रूम से वेल्डिंग दो प्रकार की होती है जो कुछ इस तरह से है।

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1• फ्यूज़न वेल्डिंग और

2• प्रेशर वेल्डिंग।


1• फ्यूज़न वेल्डिंग।

जब materials को पिघला करके के उसे गला करके किसी metals को वेल्ड करते है तो उसे फ्यूज़न वेल्डिंग कहते है।


2• प्रेशर वेल्डिंग।

प्रेशर वेल्डिंग उसे कहते है जब हम किसी मेटल्स के ऊपर प्रेशर के जरिये अप्लाई करके उसे वेल्ड करते है तो उसे प्रेशर वेल्डिंग कहते है।


Welding joints……??

वेल्डिंग करने के बाद जो हमे जोइंट्स मिलता है वो कुछ इस तरह से मिलता है।


1. BUTT JOINT

जब हम किसी दो मेटल की प्लेट्स को आमने सामने रखकर उसपर वेल्ड करते है तो उसे बट जॉइंट्स कहते है।


2. EDGE JOINT

इसमें वेल्डिंग करते वक्त जो हमारा मटेरियल्स होता है वो पैरलल में रहता है, यानी मेटल के ऊपर वाले भाग को जॉइंट्स किया जाता है, जीसे हम एज जॉइंट कहते है जिसे आप नाम से भो आसानी से समझ सकते है।


3. CORNER JOINT

इसमें भी दो प्लेट्स होती है जो अलग-अलग रहती है, जिसके ऊपर हम आसानी से जॉइंट कर सकते है, वैसे ये जॉइंट मोस्टली बहोत ज्येदा यूज़ होता है।


4. LAP JOINT

लैप जॉइंट के जरिये हम किसी दो मेटल्स को एक के ऊपर एक रख कर उसपे वेल्डिंग करते है, मतलब जो दो मेटल्स होंगे जिसपे हम वेल्डिंग करेंगे वो एक के ऊपर एक रहेंगे वो अब आप को डिसाइड करना रहेगा कि कौन ऊपर रहेगा और कौन नीचे रहेगा और इन सब के अलावा ये भी देखते है वेल्डिंग का पार्ट्स जो मेटल है वो सही तरीके से बैठा है कि नही।


5. TEE JOINT

ये जॉइंट्स टी के शेप में होती है, एक मेटल को नीचे जमीन में रख कर उसके ऊपर एक दूसरे मेटल को 90℃ पर खड़ा करके उसे वेल्ड करते है जिस प्रोसेस को हम टी जॉइंट्स कहते है।


Welding Positions……??

1. फ्लैट वेल्डिंग पोजीशन

ये वेल्डिंग करने की वो पोजीशन होती है जिसे ज्येदा तर लोग करते है, इसके अंतर्गत आप वेल्डिंग करते हुए बस थोड़ा सा ही झुकना पड़ता है जिससे आप को उतनी परेशानी नही होती।


2. होरिजेंटल वेल्डिंग पोजीशन।

3. वर्टीकल वेल्डिंग पोजीशन।


4. ओवरहेड वेल्डिंग पोजीशन।

ये अभी तक कि जितनी भी वेल्डिंग पोजीशन हमने ऊपर किया है बताई है, ये उन सबसे काफी टफ और हार्ड वेल्डिंग मानी जाती है वजह ये है कि इस वेल्डिंग को करते वक्त वेल्डर को बहोत ज्येदा सावधानियां बरतनी पड़ती है कीउकी वेल्डिंग उसके हाईट से कुछ ज्येदा ही ऊपर होती है जिसे करते वक्त बहोत कठिनाईयां होती है और ये आखिरी पोजीशन थी।


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