Engineering Lecturer
What is Spot Welding:
आज बात करने वाले है Spot And Seam Welding के बारे में जिसका इस्तेमाल Manufacturing के अंदर इंडस्ट्री के अंदर बहोत किया जाता है।
बात करते है पहले इसके कंपोनेंट्स को लेकर के
सबसे पहले जो मटेरियल होगा जीसपर हम weld करने वाले है वो दो मेटल की सीट होगी जिसको जमीन पर एक पे एक रख देंगे वेल्डिंग करने के लिए।
जबकि उसी दोनों मेटल के प्लेट्स पर दो इलेक्ट्रोड के वायर लगे रहते है जो मोस्टली कॉपर के बने हुए होते है वो इस लिए कीउकी कॉपर Electricty के लिए बेटर माना जाता है जिसके अंदर Electricity बहोत जल्दी पास होती है।
फिर बारी आती है करंट की जिसके जरिये हम मेटल की सीट्स पर हीट जनरेट करने वाले है, जो हमारा कॉपर का Electrode होता है दोनों तरफ ऊपर और नीचे वो दरअसल कनेक्ट होता है AC Power Supply से और जैसे ही हम इसके अंदर करंट को सप्लाई करते है तो Elctrode के रास्ते Heat नीचे रखे Metal Plates की तरफ Move करती है और ये सब जानते है जो Copper Electrode होता है वो Current को Supply करने के मामले में बहोत ही अच्छा होता है औरों के मोकाबले।
Difference Between Spot & Seam Welding
अगर आप को ये नही मालूम कि जब हम किसी भी मेटल के ऊपर वेल्डिंग करते है तो उसका Electrode की साइज क्या और कैसी होनी चाहिए, वो कितने टाइप्स का होता है तो नीचे दिये हुए link पर जाकर रीड कर सकते है अपनी भासा हिंदी में।
Welding Electrode Size and Welding Rod Size kyaa kyaa hoti hain....?
जब दोनों तरफ से Electrode के मदत से heat supply होती है metal के सीट पर तब वो over heating की वजह से उस जगह पर फ्यूज़न होने लगता है वो गलने लगता है और दोनों ही metal बड़े ही आसानी से एक दूसरे में spot होना सुरु हो जाते है और जैसे-जैसे हमारा मेटल weld होगा वैसे-वैसे metal की सीट आगे की तरफ move होती रहेगी।
Difference Between Spot & Seam Welding
What is Seam Welding:
पहले जिस वेल्डिंग को हमने ऊपर कवर किया है वो Spot welding को लेकर बताया है और अब Seam Welding के बारे में discuss करेंगे, वैसे Seam Welding Spot Welding से उतना कोई खास अलग नही होती बस थोड़ा बहोत अलग होती है पर काम एक ही होता है Metal को Weld करना।
इसमे जो Metal होगा वो भी किसी दो मेटल का होगा जैसा कि Spot Welding में था और इसमे भी Copper Electrode के जरिये AC Power को Supply करेंगे पर इसमे यही पे एक छोटा सा अलग पार्ट होता है जो अलग कर देता है Spot Welding से और वो है जो हमारा Electrode होता है वो Roller के शेप में होता है पर हो होता Electrode ही है।
जो हमारा Electrode रहता है Roller के शेप में वो अपनी-अपनी जगह पर घूमते रहते है जो ऊपर वाला Electrode होता है एन्टी क्लॉक वाइज घूमता रहता है और नीचे वाला Electrode Clock Wise के जैसा घूमता रहता है।
अब इसके अंदर भी जो metal की सीट होती है वो भी हरकत करती है जब इसके ऊपर welding होना सुरु हो जाती है, आप ने सिलाई मशीन देखी होगी जब वो कपड़ो पर चलती है तो उसके बीच मे खाली जगह एकदम बराबर-बराबर से बची हुई होती है उसी तरीके से यहाँ पर भी जब Seam Welding किसी भी मेटल पर पड़ती है या की जाती है तो वो वैसी ही आकृति बना लेती है जिसे हम Seam Welding कहते है।
Spot And Seam Welding:
ये दोनों ही Welding रेजिस्टेंस वेल्डिंग कहलाती है जो Current के Follow करने पर Metal की सीट पर अपना असर दिखाना सुरु कर देती है दोनों ही मेटल के बीच मे और यही वजह होती है कि इन वेल्डिंग को रेजिस्टेंस स्पॉट वेल्डिंग एंड रेजिस्टेंस Seam वेल्डिंग भी बोलते है।
Result
इस पूरे Artical में हमने ये बताया कि Spot Welding | Seam Welding किसे कहते है, दोनो ही Welding में Difference क्या-क्या होता है और इसका इस्तेमाल किउ किया जाता है उसी चीज को लेकर हमने पूरे Artical को Write किया है।
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