| Author Name |-| By Qamar Abrar |
Jaguar Success Story in Hindi Biography.
सायद आप मेसे बहोत कम लोग ये जानते होंगे कि जगुआर को 2008 में टाटा मोटर्स ने अपना बना लिया था, बड़ी दिल चस्प कहानी है आप आगे पड़ते रहे।
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How a car's AC works | कार का AC कैसे काम करता है।
पूरी जानकारी इस टॉपिक के ऊपर।
Jaguar Stating Time
आज से तकरीबन 90 से 95 साल पहले दो कार के दीवानों ने WILLIAM LYONS and WILLIAM WALMSLEY ने मिलकर सन 1922 में एक कंपनी खोली जिसका नाम इन लोगो ने SWALLOW SIDECAR COMPANY रखा और तब ये कंपनी फोर व्हीलर नही बल्कि two wheeler बनाती थी।
वैसे इस कंपनी को बनाते वक्त तो लोग मिलकर बनाये थे पर आगे चल कर WILLIAM WALMSLEY ने अपने हिस्से को बेच कर इस कंपनी से नाता छोड़ा लिया और इस कंपनी का फिर से नया गठन हुआ एक नये नाम के साथ जिसका नाम कुछ यु था S.S CARS LIMITED.
ये कहानी ऐसे नही खत्म हुई बाद में S.S CARS LIMITED ने Standard Motor Company के साथ मिलकर कार बनाना सुरु किया, S.S CARS LIMITED जितनी भी कार को बनाती थी manufacture करती थी वो उसे जगुआर का नाम देती।
Jaguar की पहली गाड़ी।
Jaguar की पहली कार सन 1935 में, 2 liter and half Engine को लांच किया जिसका नाम S.S 90 Sports Saloon रखा, फिर इसी को देखते हुए इसी कंपनी ने एक और कार लांच किया जो सेम इसी से मॉडल मिलता जुलता था जिसका नाम S.S 100 होता है ये इसे लांच किया जिसका ENGINE 3 लिटर and हाफ था।
अभी तक इस कंपनी के मॉडल का नाम ही सिर्फ जगुआर था पर बाद में इस कंपनी ने इसका नाम हटा कर जगुआर रख दिया, दरसल इसके नाम के बदलने का सबसे बड़ा कारण ये था कि इसका जो नाम था S.S CARS LIMITED वो थोड़ा बड़ा और खराब लग रहा था कंपनी का ये मनना था कि की कोई छोटा नाम रखे।
इस कंपनी ने अपने सुरूआती दिनों में तो नही पर 50 के दशक में खूब धूम मचाई कीउकी ये जो भी कार को बनाती थी वो खूबसूरत तो दिखती ही थी और उतनी ही मजबूत भी थी, XK120 जगुआर की पहली प्रसिद्ध कार बनी जो सन 1948 में लांच की गई थी।
Jaguar अपने तीन स्लोगन को फॉलो करता है।
ये कंपनी सुरु से लेकर आखिर तक एक स्लोगन को फॉलो करती थी जिसका नाम GRACE, SPACE, PACE था जिसका अर्थ होता है।
Grace.
इसकी जबड़ दस्त बनावट।
Space.
इसके अंदर पर्याप्त जगह।
Pace.
और आखिर में पेस जो इसकी गती थी।
जगुआर अपने इसी तीनो स्लोगन को फॉलो करती थी।
Racing car
जगुआर के लिए सबसे बड़ी खुसी तब हुई जब इस कंपनी की बनी हुई कई सारी रेसिंग कार ने रेस को जीता।
इस कंपनी का सबसे बुरा वक्त सन 1965 में सुरु हुआ जब jaguar बनाने वाली स्टील कंपनी को किसी दूसरे कंपनी ने खरीद लिया, इधर WILLIAM LYONS की ज्येदा उम्र भी हो गई थी जिनकी कोई संतान भी नही थी जो बाद में ये अपनी कंपनी जगुआर को ब्रिटिश कारपोरेशन को बेच दिया।
फोर्ड कंपनी ने कई बार जगुआर को खरीदना चाहा पर किसी दिक्कत की वजह से ये डील हो नही पा रही थी पर आखिर में सन 1999 में फोर्ड ने जगुआर को और कंपनियों की तरह इसको भी खरीद लिया पर जगुआर फोर्ड के लिए एक घाटे का सौदा थी तो इस लिए इस कंपनी ने सन 2008 में लैंड रोवर के साथ भारत की कंपनी टाटा मोटर्स को बेच दिया।
बीतते दिनों के साथ-साथ जगुआर के कई सारे मालिक बदलते रहे पर गाड़ी की क़ोआलटी और खूबसूरती में कोई कमी नही आई।
सन 2011 में pune में जगुआर की पहली प्रोडक्शन कंपनी भारत मे बनी जहॉ सिर्फ जगुआर की ही गाड़ी को manufacture किया जाता है।
Result
इसमे जगुआर की पूरी बायोग्राफी बताई गई है जैसे, इसकी सुरुआत कब हुई, इसके कितने मालिक समय-समय पर बदले, बाद में इसे टाटा मोटर्स ने खरीदा फोर्ड से, भारत में पहली कंपनी जगुआर कहाँ बनी वगैरह-वगैरह।
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