Hardware & Software |
आज हम आप को कंप्यूटर के दो ऐसे पार्ट्स के बारे में बताने जा रहे है जिसका जिक्र बार-बार होता है ऐसा आप ने भी सुना या कही न कही पड़ा होगा, अगर आप कंप्यूटर से रिलेटेड है या उसमे कोई भी रुचि है तो आप के लिए ये बहोत ही ज्येदा अहम है।
difference between Hardware and Software
आज हम आप को एकदम डिटेल में बताने वाले है कि difference between Hardware and Software में क्या अंतर है।1. Hardware:
हार्डवेयर कंप्यूटर का एक फिजिकल पार्ट्स होता है जिसे कोई भी इंसान आसानी टच कर सकता है, महसूस कर सकता है जैसे कि सीपीयू, माउस, कीबोर्ड, मोनिटर etc.1. Software:
सॉफ्टवेयर कम्युटर का एक ऐसा पार्ट्स होता है जिसे आप छू नही सकते उसको टच नही कर सकते वो आप के कंप्यूटर के सीपीयू के जरीये एक्जिक्यूट किया जाता है जिसे अगर हम Example के जरिये समझे तो व्हाट्सएप्प, टेलीग्राम, टिकटोक etc ये सब एक सॉफ्टवेयर है।2. Hardware:
हार्डवेयर को आप बिना सॉफ्टवेयर के चला ही नही सकते, जबतक आप के कंप्यूटर में कोई सॉफ्टवेयर होगा नही वो काम ही नही करेगा, ये बहोत ही इम्पार्टेंट टॉपिक है जो अक्सर पूछा भी जाता है।2. Software:
जबकि सॉफ्टवेयर वार्डवेयर का ठीक उल्टा होता है मतलब जो आप के कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर पहले से इंसटाल हो वो तबतक ले काम नही करेगा जबतक की उसमे हार्डवेयर न हो, जैसे अगर हम आप को मोनिटर देदे और बदले में सीपीयू ही न दे तो क्या आप चला लोगे नही ना तो कुछ ऐसा है ये।3. Hardware:
हार्डवेयर में कभी भी वायरस नही जा सकता क्योंकि वो आप के कंप्यूटर का एक ऐसा पार्ट होता है जिसे आप टच कर सकते हो, छू सकते हो मतलब वो एक मटेरियल की तरह है जैसे कि आप खुद ही सोचो क्या कभी सीपीयू में वायरस आ सकता है, आप के माउस में वायरस आ सकता है कभी नही आ सकता।3. Software:
पर आप का जो सॉफ्टवेयर होता है उसमें वायरस आ सकते है ऐसा आप ने फेस किया होगा कभी न कभी पर अगर नही किया है तो बहोत अच्छी बात है, जैसे आप ने कभी न कभी ये सुना होगा कि आप के कंप्यूटर में विंडो 7 क्रप्ट हो गया और वो तब होता है जब आप के कंप्यूटर में वायरस आ गए हो।4. Hardware:
आप हार्डवेयर की दूब्लिकेट कॉपी कभी नही बना सकते जैसे कीबोर्ड हुआ, माउस हुआ, सीपीयू हुआ तो क्या आप इन सारी चीजों का कॉपी करके बना सकते है कभी नही बना सकते जबतक ले आप उसे दोबारा खरीद कर के न लाये।4. Software:
पर वही अगर हम सॉफ्टवेयर की बात करे तो आप उसकी दूब्लिकेट कॉपी जितना चाहे उतना बना सकते है अपने हिसाब से किउंकि वो एक सॉफ्टवेयर है।5. Hardware:
हार्डवेयर को आप को एक जगह से दूसरी जगह पर उठा कर के ही ले जा सकते हो न कि उसे इलेक्टिकली कही और भेज सकते हो।5. Software:
रही बात सॉफ्टवेयर की तो इसे आप एक जगह से दूसरी जगह बिना लेकर जाए ही भेज सकते हों क्योकि आप उसे टच नही कर सकते है ऐसा आप ने कई बार किया भी होगा।6. Hardware:
मान लो आप का हार्डवेयर डैमेज हो गया खराब हो गया तो आप उसे दोबारा से लाकर लगा सकते है जैसे कीबोर्ड, माउस या कोई भी चीज।6. Software:
पर अगर हम बात करे सॉफ्टवेयर की तो वो अगर एक बार खराब हो गया क्रप्ट हो गया तो आप उसे नही पा सकते कियोकि वो एक सॉफ्टवेयर है उसके लिए आप को अपनी पेन ड्राइव से उसे इंसटाल करना होगा वो भी अगर उसका बैकप होगा तो नही तो आप ऐसा भी नही कर सकते।7. Hardware:
अगर हम वार्डवेयर का Example जाने तो वो कई सारा होता है जैसे, सीपीयू, कीबोर्ड, माउस, प्राइमरी, सेकेंडरी, रैम, रोम etc7. Software:
अगर हम सॉफ्टवेयर की बात करे तो वो कुछ इस प्रकार से होते है जैसे, गूगल क्रोम, टैली, एम एस आफिस, विंडोज etcमतलब हम सॉफ्टवेयर के जरिये अपने कंप्यूटर के अंदर काम कर सकते है और करते भी है जो हमारा सॉफ्टवेयर कहलाता है।
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